vijaygoswami
बुधवार, 15 फ़रवरी 2012
Hundred years
इस धरती पर सौ साल तक जीने की इच्छा रखो क्योंकि कर्म करने वाला ही जीने का अधिकारी है.जो कर्म निष्ठां छोड़ कर भोग-वृत्ति रखता हैवह म्रत्यु का अधिकारी माना जाताहै.
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